आलोचना एक ऐसा शब्द है जिस से हर किसी का कभी ना कभी जरूर सामना हुआ होगा। आलोचना मानव जीवन का एक बहुत ही अहम पहलू है । आलोचना के बहुत से रूप देखने को मिलते है लेकिन सब रूपों का भाव एक ही है किसी विशेष परिस्थिति, वस्तु, विषय या जीव का पक्ष लेना।
आपने हमने सबने कभी या तो आलोचना कि होगी या आलोचना सुनी होगी। आलोचना सुनना और करना दोनों ही कला है। आलोचना करने के लिए ज्ञान और सुनने के लिए धेर्य की आवश्यकता होती है। आलोचना सकारात्मक व नकारात्मक दोनों ही तरह से की जा सकती है । नकारात्मक आलोचना से सदैव ही बचना चाहिए । नकारात्मक आलोचना ना तो करनी चाहिए और ना ही सुननी चाहिए।
सकारात्मक आलोचना सृजनात्मक होती है। इस से कोई भी कमी सुधार की तरफ अग्रसर होती है। सकारात्मक आलोचना करने व सुनने वाले दोनों ही व्यक्तियों का सम्मान बढ़ता है व संबंध की गुणवत्ता भी बढ़ती है। कहा जाता है कि सच्चा आलोचक, झूठे मित्र से कहीं ज्यादा बेहतर होता है ।
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שירותי ליווי בבת ים · May 9, 2023 at 3:51 am
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